About Shodashi
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Tripura Sundari's form is not merely a visual illustration but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees via symbols to know further cosmic truths.
बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।
सच्चिद्ब्रह्मस्वरूपां सकलगुणयुतां निर्गुणां निर्विकारां
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥
वन्दे सर्वेश्वरीं देवीं महाश्रीसिद्धमातृकाम् ॥४॥
ह्रींश्रीर्मैंमन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा
हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥
मुख्याभिश्चल-कुन्तलाभिरुषितं मन्वस्र-चक्रे शुभे ।
Goddess Tripura Sundari is likewise depicted like a maiden putting on brilliant scarlet habiliments, darkish website and long hair flows and is completely adorned with jewels and garlands.
वन्दे तामष्टवर्गोत्थमहासिद्ध्यादिकेश्वरीम् ॥११॥
ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।
पञ्चब्रह्ममयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥५॥